लेखक:
मिर्जा हादी रुसवा
मूलतः शायर लेकिन लोकप्रिय हुए उपन्यासकार के नाते। सन् 1857 ई. के विद्रोह का काल इनके जीवन और रचनाकर्म का समय रहा है। शायरी की कोई पुस्तक उनकी उपलब्ध नहीं हैं। लखनऊ के रहने वाले थे। मशहूर तवायफ़ उमराव जान ‘अदा’ को निजी तौर पर जानते थे। उसके जीवन-संघर्ष ने उन्हें अंतस तक आलोड़ित किया तथा वह उपन्यास लिखने को प्रेरित हुए। उनके शेष जीवन के सम्बन्ध में अधिक जानकारी नहीं मिलती। |
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उमराव जान अदामिर्जा हादी रुसवा
मूल्य: Rs. 125 उमराव जान... आगे... |
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उमराव जान अदामिर्जा हादी रुसवा
मूल्य: Rs. 200 उमराव जान... आगे... |
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शरीफजादामिर्जा हादी रुसवा
मूल्य: Rs. 125 फारसी लिपि और उर्दू–शैली में संकेत रचित हिन्दी-उर्दू के प्रसिद्ध उपन्यास उमरावजान-अदा या लखनऊ की नगर-वधू के लेखक प्रसिद्ध उपन्यासकार मिर्ज़ा हादी रुसवा का लघु उपन्यास शरीफजादा। आगे... |